Stress मानसिक तनाव(Stress ) आजकल लोगो पर इतना हावी हो चुका है कि लोगो को मनोचिकित्सा का सहारा लेना पड़ रहा है| यह एक गंभीर बीमारी का रूप लेती जा रही है जिसका इलाज काफी मुश्किल है|हमें हर रोज अपनी जिंदगी में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं। कई बार ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं जिनसे हम चाह कर भी संभाल नहीं पाते और उनसे निपटने के चककर में हम काफी टेंसन (stress ) में चले जाते हैं हम में से कई लोग तो तनावों को झेलते हुए इतने आदी हो चुके होते हैं कि वें महसूस ही नहीं कर पाते। ऐसे तनाव को यूस्ट्रेस (Eustress) कहा जाता है। अगर देखा जाए तो ये तनाव आपकी परफॉरमेंस और काम करने की क्षमता पर निगेटिव असर(negative effoct ) डालता है। इस आर्टिकल में हम discus करेंगे कि तनाव/टेंशन क्या है, तनाव के लक्षण, कारण और टेंशन से बचने के उपाय क्या हैं ?
स्ट्रेस क्या है? (What is stress?) : स्ट्रेस या तनाव होना सामान्य सी बात है। ये तब महसूस होता है जब किसी स्थिति से निपटना मुश्किल हो जाता है। टेंशन होने पर एड्रेनालाईन (Adrenaline -When a stressful situation occurs and your heart begins to race, your hands begin to sweat, and you start looking for an escape, you have experienced a textbook case of fight-or-flight response.) हमारे पूरे शरीर में दौड़ने लगता है जिससे दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हमें पसीना आता है, सनसनी महसूस होती है और कई बार पूरे शरीर के रोएं खड़े हो जाते हैं।
कितना खतरनाक(Harmfull ) है तनाव?
ऐसा नहीं है कि हमारे पूर्वजों(बुजुर्गों ) की जिंदगी में Stress नहीं था, लेकिन वोकरो या मरो (Do or Die )की स्थिति को अपनाकर आसानी से इससे निजात पा सकते थे। आज हमारे जीवन में तनाव की मात्रा और उनकी आवृत्ति भी बहुत ज्यादा ही है। लेकिन सबसे मुश्किल बात यह है कि Stress देने वाले हार्मोन जैसे एड्रेलिन और कॉर्टिसोल का उत्सर्जन उस वक्त और ज्यादा harmfull हो जाता है जब हमें उनकी जरूरत नहीं होती है । अगर तनाव लंबे वक्त तक रहेगा तो हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंच सकता है। इसके अलावा तनाव के रहते हमारी शारीरिक और मानसिक क्षमतापर भी प्रभाव पड़ता है। इसका मतलब यह है कि तनाव उस वक्त और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है जब हर पांच मिनट में करो या मरो (Do or Die )की स्थिति में जाना पड़े।
ज्यादा तनाव होने से : हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय को नुकसान पहुंच सकता है। गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता है। उम्र कम होती है।
तनाव को समझना क्यों जरूरी है? (Why does understanding stress matter?)
तनाव के कारण कई गंभीर मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। भारत में हर चार में से एक इंसान हर साल Stress का शिकार हो जाता है। तनाव के कारण कई बार हम लोग काम करते हुए भी लंबे वक्त तक काम पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं।
अगर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लंबे वक्त तक अनदेखा किया जाए जो ये गंभीर समस्या में बदल सकती है। देश में Stress और depression का इलाज करवाने वाले मरीजों में से तीन चौथाई महिलाएं हैं। लेकिन जो तीन चौथाई लोग टेंशन और डिप्रेशन के चलते आत्महत्या कर लेते हैं वह पुरुष हैं। चूंकि डिप्रेशन और टेंशन ही सुसाइड के मामलों के लिए अधिक जिम्मेदार साबित हुये हैं इसलिए इसका इलाज जरुरी है |
आजकल होने वाले तनाव के सामान्य कारण निम्नलिखित हैं। जैसे - 1.काम 2.बेरोजगारी 3.पैसा 4.अलगाव और कुछ अन्य कारण जैसे घर छोड़ना 5.पार्टनर से ब्रेकअप 6.नौकरी में बदलाव होना 7.बच्चों का घर छोड़ना 8.आपका स्वास्थ्य और मूड 9.मौसम 10.पार्टनर का निधन होना या करीब न होना 11.तलाक के कारण परिवार टूट जाना 12.नशाखोरी और ड्रिंक करना 12.बुरी आदतों का शिकार होना 14.हिंसा या बुरे व्यवहार का शिकार होना
थोड़ी देर के लिए जीवन में उतार-चढ़ाव आना तो जरुरी है लेकिन अगर ये लंबे वक्त तक बने रहे तो ये जिंदगी से जुड़ी बाकी चीजों को भी नष्ट कर सकती है। वैसे भी तनाव इसलिए कभी नहीं होता क्योंकि आप कमजोर हैं बल्कि हमेशा इसलिए होता है कि आप उसकी मौजूदगी होने के बाद भी टेंशन को रहने देते हैं और उसका विरोध नहीं करते हैं।
तनाव होने पर हमेशा चीजों को सकारात्मक तरीके से देखने और सोचने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ मामलों में हो सकता है कि आपको Fresh Start की भी जरुरत पड़े। लेकिन अगर आप लगातार नौकरियां, पार्टनर या घर बदल रहे हैं तो ऐसे हालात में आपको हालात नहीं बल्कि खुद को बदलने की जरुरत होती है।
क्या हैं Stress के चेतावनी देने वाले लक्षण (What are the warning signs of stress ?)
अगर आपको इतना ज्यादा तनाव होता है कि संभलने का मौका तक नहीं मिल पाता है, तो ये आपके लिए खतरे की घंटी जैसा हो सकता है। इसलिए ये जानना बहुत जरुरी है कि तनाव होने से पहले वो कौन से लक्षण हैं जिन्हें जानकर आप थोड़ी देर में होने वाले तनाव से पहले ही निपट सकते हैं।
टेंशन से पहले होने वाले सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:-
1.सामान्य से ज्यादा या कम भोजन करना। 2.तेजी से मूड बदलना। 3.आत्म-सम्मान में कमी आना। 4.हर वक्त टेंशन या बेचैनी महसूस करना। 5.ज्यादा या कम सोना। 6.कमजोर याददाश्त या भूलने की समस्या। 7.जरुरत से ज्यादा शराब या ड्रग्स लेना। 8.जरुरत से ज्यादा थकान या ऊर्जा में कमी होना। 9.परिवार और दोस्तों से दूर-दूर रहना। 10.ध्यान केंद्रित न करना और काम में संघर्ष करना। 11.उन चीजों में भी मन न लगना जो पहले आपको पसंद थीं। 12.विचित्र अनुभव होना, उन चीजों का दिखना जो वहां हैं ही नहीं। इसके अलावा टेंशन के कुछ शारीरिक लक्षण भी हो सकते हैं जिनमें सिरदर्द, कब्ज या किसी खास अंग या शरीर में दर्द होना।
अपने अनुभव के बारे में कैसे बताएं? (How do I talk about how I am feeling?)
हम सभी जानते हैं कि जब हम किसी से जुड़ाव/lagav महसूस करते हैं तो उससे बात करना हमेशा अच्छा लगता है। हम लोगों में से कुछ के लिए, सोशल मीडिया इसका सबसे अच्छा माध्यम है। लेकिन रिसर्च से पता चला कि सोशल मीडिया ही हम लोगों में से कई की जिंदगी की सबसे बड़ी मुसीबत बनकर सामने आया है।
ये कहावत काफी पुरानी भी है और सुनी भी सभी ने है कि दर्द बांटने से कम होता है। लेकिन सच में ये बात सही है। ये लोगों को बताने के लिए नहीं है, ना ही ये साबित करने के लिए है कि आप जरुरत में हैं और किस दौर से गुजर रहे हैं। बल्कि ये उनसे समझने के लिए है कि अगर वह उस तकलीफ में होते तो क्या करते?
कई बार जब हम टेंशन में होते हैं तो आसान से उपाय भी हमारे दिमाग में नहीं आते हैं। लेकिन दूसरे वही बात सुनकर हमें ऐसे रास्ते सुझा देते हैं जो हमारी हर मुश्किल को आसान बना देते हैं। इसलिए खुलकर संवाद करना भी बहुत जरूरी है। वैसे भी किसी से बात करना कौन सी बड़ी बात है। इसलिए ईमानदारी से बात रखिए और दोस्तों को हर वो बात बता दीजिए जो आपको परेशान कर रही है।
घबराएं नहीं, डॉक्टर से सलाह लें क्या कभी आपको जुकाम, दस्त या फिर बुखार की समस्या हुई है? इन बीमारियों के इलाज के लिए आप जरूर ही डॉक्टर के पास भी गए होंगे। अगर हां, तो फिर टेंशन होने पर डॉक्टर के पास जाने में हिचक क्यों?
अगर आप सच में टेंशन से उबरने में मुश्किल महसूस कर रहे हों तो बेहतर है कि बिना देर किए डॉक्टर के पास जाएं। मनोचिकित्सक सच में बहुत धैर्य से मरीज की बात सुनते हैं और वह आपकी समस्या को औरों से बेहतर समझते हैं। उनके सामने बात रखने से वह न सिर्फ आपका सही इलाज कर सकते हैं बल्कि आपकी जिंदगी को नई राह भी दिखा सकते हैं।
टेंशन, डिप्रेशन जैसी समस्याएं भी उतनी ही आम बीमारी है जितनी कि जुकाम या बुखार होना। अगर आप उनके इलाज के लिए डॉक्टर के पास जा सकते हैं तो फिर टेंशन के इलाज के लिए क्यों नहीं? संकोच छोड़ दीजिए और डॉक्टर से इस मामले में बात कीजिए।